Class 9th maths Number System | कक्षा 9वी गणित संख्या पद्धति

गणित की कक्षा 9 में छात्रों को विभिन्न गणितीय अवधारणाओं को समझने के लिए विभिन्न प्रकार के सवालों का सामागम मिलता है, जिसमें समस्याओं को हल करने के लिए अनुकूल तरीके भी शामिल होते हैं। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को गणितीय बुनियादी अवधारणाओं को मजबूत करने के साथ-साथ उनकी गणितीय दक्षता को विकसित करने का मौका मिलता है।

कक्षा 9 की गणित की पाठ्यपुस्तक में विभिन्न गणितीय अध्याय होते हैं, जैसे कि बीजगणित, रचनात्मक गणित, ज्यामिति, सांख्यिकी, गणितीय विविधताएँ आदि। यह पाठ्यक्रम छात्रों को गणितीय अवधारणाओं को समझाने के साथ-साथ अभ्यास करने का मौका देता है।


            [Number System (संख्या पद्धति)]

# वास्तविक संख्या किसे कहते हैं ?

- वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers) वह संख्याएँ होती हैं जो वास्तविक जगत में मानयुक्त, मापनयोग्य और समझने योग्य होती हैं। इनमें पूर्ण संख्याएँ, अवरुद्धांक (दशमलव) और अनिच्छित (बहुदिशांकीय) संख्याएँ शामिल होती हैं। यह संख्याएँ गणितीय और वैज्ञानिक अध्ययनों में उपयोगी होती हैं।


#वास्ताविक संख्या के प्रकार:-
- वास्तविक संख्याओं के कई प्रकार होते हैं। ये प्रमुखतः निम्नलिखित होते हैं:

1. पूर्णांक (Integers):
 ये संख्याएँ होती हैं जो नक्शे पर स्थानांतरित होने वाली संख्याओं को प्रतिनिधित करती हैं, जैसे -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3 आदि।

2. परिमेय संख्या (Rational Numbers): -
ये संख्याएँ होती हैं जो किसी दो पूर्णांकों के अनुपात के रूप में लिखी जा सकती हैं, जैसे 3/4, -5/2, 7/1, आदि।

3. अपरिमेय संख्या (Irrational Numbers): -
ये संख्याएँ होती हैं जिनके अनंतिक दशमलव अनुक्रम होते हैं और जिन्हें किसी भी पूर्ण संख्या के अनुपात के रूप में पूरी तरह से नहीं लिखा जा सकता, जैसे √2, √3, π (पाई) आदि।

4. अवास्तविक संख्या (Imaginary Numbers): -
ये संख्याएँ होती हैं जो -1 का वर्गमूल होती हैं, जैसे √(-1) या इच्छामात्रिक संख्याएँ, जैसे 2i, 3i, आदि। ये गणित के अन्य क्षेत्रों में उपयोगी होती हैं, जैसे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और क्वांटम फिजिक्स में।

5. भिन्न संख्या (Fraction) :-
एक प्रकार की अवरुद्धांक (रेशा) होती है जो दो पूर्णांकों के अनुपात के रूप में लिखी जाती है। भिन्न संख्या में, एक अंश (शीर्षक) और एक मानक (हार) होता है, जिनके बीच एक विभाजन रेखा होती है। उदाहरण के लिए, 1/2, 3/4, 5/6 आदि भिन्न संख्याएँ हैं।

6. पूर्ण संख्याएँ (Integers) :-
वे संख्याएँ होती हैं जो नक्शे पर स्थानांतरित होने वाली संख्याओं को प्रतिनिधित करती हैं, जिनमें कोई भी दशमलव नहीं होता। इनमें सकारात्मक पूर्ण संख्याएँ (1, 2, 3, ...) और नकारात्मक पूर्ण संख्याएँ (-1, -2, -3, ...) शामिल होती हैं।

7. अभाज्य संख्या (Prime Number) :-
एक ऐसी संख्या होती है जो केवल दो गुणांकों के गुणन के रूप में ही विभाजित होती है और उसके बाद कोई और गुणांक नहीं होता। अर्थात, जो संख्या केवल 1 और अपने आप के अलावा किसी और संख्या से विभाजित नहीं होती है, उसे अभाज्य संख्या कहा जाता है। उदाहरण के लिए, 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19, 23 आदि सभी अभाज्य संख्याएँ हैं।

8. भाज्य संख्या (Divisible Number) :-
वह संख्या है जो दिए गए संख्या से पूरा बिना शेष के बाँटी जा सके। अर्थात, जिस संख्या से दी गई संख्या को बिना शेष के विभाजित किया जा सके, वह उस संख्या का भाज्य संख्या होता है। यदि भाज्य संख्या से विभाजन के बाद कोई शेष नहीं बचता है, तो वह संख्या भाज्य होती है। उदाहरण के लिए, 10 को 2 से भाज्य किया जा सकता है, क्योंकि 10 को 2 से पूरा बिना शेष के विभाजित किया जा सकता है। इसलिए, 10 एक भाज्य संख्या है।

9. सम संख्या (Even Number) :-
वह संख्या है जो 2 से पूरा विभाजित होती है। अर्थात, जिस संख्या को 2 से विभाजित किया जा सकता है और वह बिना शेष के पूरा विभाजित होती है, उसे सम संख्या कहते हैं। उदाहरण के लिए, 2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20 आदि सभी सम संख्याएँ हैं। इनका विभाजन 2 से पूरा होता है।


10. विसम संख्या (Odd Number) :-
वह संख्या है जो 2 से पूरा नहीं होती है, यानी जो 2 से विभाजित नहीं होती है। इसका अर्थ है कि इन संख्याओं का विभाजन 2 से पूरा नहीं होता है और इनमें शेष बचता है। उदाहरण के लिए, 1, 3, 5, 7, 9, 11, 13, 15, 17, 19 आदि सभी विसम संख्याएँ हैं। इनका विभाजन 2 से पूरा नहीं होता।

11. सह अभाज्य संख्या (Composite Number) :-
वह संख्या है जो अपने आप के अलावा किसी अन्य संख्या से भी विभाज्य होती है। अर्थात, इस संख्या के साथ कोई अन्य संख्या भी है जिससे यह बिना शेष के विभाजित की जा सकती है। उदाहरण के लिए, 4, 6, 8, 9, 10, 12, 14, 15, 16, 18 आदि सभी सह अभाज्य संख्याएँ हैं क्योंकि इन्हें 1 और उनके अलावा अन्य संख्याओं से विभाजित किया जा सकता है।

# यूक्लिड विभाजन प्रमेय क्या है?

- यूक्लिड का विभाजन एल्गोरिथम: यदि a और b धनात्मक पूर्णांक इस प्रकार हैं जिससे a = bq + r है, तो a और b प्रत्येक सामान्य विभाजक b और r और इसके विपरीत का सामान्य विभाजक है।

* विभाज्यता का नियम:-

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